सितारों के आगे जहाँ और भी हैं
सितारों से आगे जहाँ और भी हैं ।
जिंदगी के बचे इम्तिहाँ और भी हैं।।
उदासियों से खुद को ना बेजार कर ,
खुशियों के जहाँ में निशा और भी है ।
एक तू ही नहीं गमजदा जमाने में,
तुझ जैसे दुखी यहाँ और भी हैं।
कब्र की घुटन से नफरत है क्यों,
कई बेजान जिस्म वहाँ और भी हैं।
प्रीति चौधरी"मनोरमा"
जनपद बुलंदशहर
उत्तरप्रदेश
Shashank मणि Yadava 'सनम'
10-Sep-2023 08:56 PM
बहुत ही उम्दा भाव
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Varsha_Upadhyay
22-Jul-2023 07:03 PM
बहुत खूब
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